सीएम योगी के शहर का नंदानगर अंडरपास भी चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, पहली बारिश में ही जलजमाव और छत टपकने लगी
नंदानगर अंडरपास की वजह से हजारों लोगों को आवागमन की होती है सहूलियत
बारिश में छत टपकने और जलजमाव से लोगों की बढ़ी दिक्कतें
मुख्यमंत्री के शहर में भी भ्रष्टाचार के मामलों में नहीं आ रही कमी
शहर विधायक आठ महीना पहले ही मामले में अधिकारियों को चेता चुके थे
मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग सका है, बेखौफ होकर भ्रष्टाचारी काम कर रहे हैं। शहर का बहुप्रतिक्षित नंदानगर अंडरपास भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। पहली बारिश में ही अंडरपास के भीतर भारी जलजमाव हो चुका है। गुणवत्ताविहीन छत दर्जन भर से अधिक जगह टपकने लगी है। हालांकि, इस गुणवत्ताविहीन निर्माण पर करीब आठ माह पूर्व ही नगर विधायक डाॅ.राधामोहन दास अग्रवाल ने आवाज उठाते हुए संबंधित विभागों से लेकर तत्कालीन मंडलायुक्त तक से पूरे प्रकरण को अवगत कराया था। अगर अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो शायद यह स्थिति नहीं आई रहती।
गोरखपुर में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है। बारिश की वजह से पूरे शहर में जगह जगह जलजमाव है। मंगलवार को नंदानगर अंडरपास के अंदर भी काफी अधिक जलजमाव हो गया। अंडरपास की छतें टपकने लगी। यह जानकारी होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नगर विधायक डाॅ.राधामोहन दास अग्रवाल वहां पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को चेताया। डाॅ.अग्रवाल ने पूरे प्रकरण को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से भी अवगत कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि अधिकारी बेहद लापरवाह रवैया अपना रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में उनके द्वारा बीते साल अक्तूबर में ही अधिकारियों को अवगत कराया था। पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों के अलावा तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता से निर्माण व गुणवत्ता के संबंध में बात की थी लेकिन अधिकारियों ने बेहद लापरवाह रवैया अपनाते हुए उनको आश्वस्त कर दिया था। अब बरसात में उनकी पोल खुल गई है।
बता दें कि गोरखपुर शहर का नंदानगर अंडरपास काफी इंतजार के बाद बनकर तैयार हो सका है। इसके बनने से एयरपोर्ट, नंदानगर, सैनिक विहार, सैनिक कुंज, दरगहिया, आकाश विहार, विजय विहार, कुसम्ही, रजही, सुकरौली, हाटा और कुशीनगर आने-जाने वालों को काफी राहत मिली है। क्योंकि नंदानगर क्रासिंग का ढाला बंद हो जाने के बाद लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। ढाला बंद होने के कई घंटे बाद तक जाम से लोगों को जूझना पड़ता था। मुख्यमंत्री के शहर का यह अंडरपास बनकर तैयार तो हो गया लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।